Jivan ka Kya hai Kavita Hindi मेरी दुर्बलता

जीवन जीने के लिए है । जो अनिश्चित है ।Jivan Kya hai Kavita Hindi  कब अचानक रूक गया । कोई नहीं जान सकता है । इसलिए इसे सरलता से जीने के लिए जरूरी है कि अपनी कमजोरियों को जाने और दुनिया की भी समझें । इसके लिए जरूरी है सकारात्मक दृष्टिकोण जो जीवन को बेहतर बना सके । प्रस्तुत है इस पर कविता हिन्दी में 👇👇

Jivan Kya hai Kavita Hindi

मेरी दुर्बलता का ज्ञान रहे
और लक्ष्य पर ध्यान रहे
लड़ जाऊंगा मैं लहरों से
ऐसा मुझे अभिमान रहे
कल क्या होगा क्या पता
आज का बस ज्ञान रहे
प्रेम की बातें सुनकर आप
क्यों इतना नादान रहे 
ख़बर तुम्हारी सियासी है
किसी पार्टी का अरमान रहे
सच से कोई लेना देना नहीं
सियासी फितरत से अनजान रहे  !!!!


मैं ढूंढता ही रहा
ऐसा शख्स जो सच सुन सके
मेरे दिल का
और शायद मुझे लगा
वो तुम हो !!!

कविता हिन्दी जीवन की 


मैं जब भी परेशान हो जाता हूॅं
हैरान हो जाता हूॅं
मुझे तुम याद आते हो
ये सारी दुनिया से
सहारा पाता हूॅं
मैं जब भी हैरान हो जाता हूॅं

मेरे ख्यालों में हू-ब-हू
तुम आ जाते हो सामने
रूठने और मनाने
मैं इस तरह अपनी दुनिया बना लेता हूॅं
मैं जब भी हैरान हो जाता हूॅं 

किसी विचार की तरह,, तुम आ जाते हो
सहसा किसी बादल की तरह बरस जाते हो
मन मतंग हो जाता है
मन मयूर बन नाच उठता है
थिरक - थिरक आनंदित हो जाता हूॅं
मैं जब भी परेशान हो जाता हूॅं !!! 


मैं किसी विचार की तरह नहीं हूं
जैसे राजनीति
जिसे तुमने विचार की तरह लिया है
जबकि में मैं जीवन शैली हूं
जीवन को सरलता से जीने के लिए
हॉं मैं हिन्दू हूॅं  !!!!


मैं हार गया तो भी खुशी थी
मेरी बहस हार जीत पर नहीं थी 
मैं तो सिर्फ तुझे समझाना चाहता था
दिल की बात पहुंचाना चाहता था
तुम सुने कुछ पल
यही मेरी जीत थी
जो तुम्हें दिल की बात कहना था
बाकी हार जीत का फैसला तुम्हारा है !!!!

Mera Prem 


मेरा प्रेम बीज दबा रहा
धरती के अंतस में
दो फीट नीचे 
बाहर आने से डरता हुआ
मेरा प्रेम का डर है 
जानवरों का 
कहीं अंकुरित हुआ
और चर न दें कोई जानवर !!!

जो खिड़कियों से झांकते हैं
खिड़कियों की आकार से
संसार नापते हैं
और संतुष्ट होकर
खिड़कियां बंद कर देते हैं
यही कि
संसार देख लिया  !!!!

Jivan Kya hai Kavita Hindi




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