- प्रेम से भरा हुआ आदमी को कभी कमी महसूस नहीं होता है ।
Prem mai Hara huaa Aadmi
वे जहां भी जाते हैं । अपने प्रेम को पाते हैं । जिसके अहसास की शक्ति से हर कठिन से कठिन काम भी आसानी से कर लेता है ।
Prem mai Hara huaa Aadmi
प्रेम में हारा हुआ आदमी
कभी जितने की उम्मीद नहीं करता है
वो तो जानता है
प्रेम में जीता नहीं जा सकता है
किसी दुसरे को
न किसी के हृदय को
न किसी के मन को
प्रेम में हारा हुआ आदमी
कह नहीं पाता कभी
दिल की
उसे रूठने का डर होता है
प्रेम का
जिसके डर से
कभी खुल नहीं पाता है जिंदगी में
न ही विद्रोह कर पाता है
प्रेम के विरुद्ध
अपनी बात कहने के लिए
प्रेम में हारा हुआ आदमी
प्रेम की चाहतों में दबा रहता है
उसकी खुशी में खुश रहता है
लेकिन अपने दुःख में
दुःखी नहीं रह सकता है
प्रेम में हारा हुआ आदमी !!!!!!
प्रेम में हारा हुआ आदमी
बहुत कुछ समझता है
तुम्हारे बहाने
वक्त की कमी
तुम्हारे इरादे
जब तुम आते हो
तत्काल दूर जाते हो
समझता सब कुछ है
लेकिन कहता नहीं कुछ है
कह देता तो
तुम दूर जा सकते हो !!!
प्रेम में हारा हुआ आदमी
थक जाता है
प्रेम देते देते
और लूटने वाले का मन नहीं भरता
लूटते लूटते
कोमल सा प्रेम
हर किसी के साथ
लूट का शिकार है !!!!
2 टिप्पणियाँ
वाह वाह अति सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंधन्यवाद 🙏
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