एक ही बातों का दो अर्थ है same-things-of-two-meaning-


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 एक ही बातों का दो अर्थ है 

जिसमें सुविधा नज़र आती है

वहीं विचार भाता है

सुनने को तैयार नहीं

आदमी अपनी धुन में गाता है

पसंद/नापसंद है तो

कई तर्क खुद ब खुद

विचारों में आ जाता है

जो जिसको पसंद है

उसी क्षेत्र में दिमाग लग जाता है

और बुद्धि बड़ जाती है

आदमी नफ़रत सीखें

तो चारों ओर नफ़रत दिखें

बहस भी करेगा

तहस नहस भी करेगा

अगर दिल को प्यार भाता

तो प्यार करेगा 

अपना और गैरों का संसार भरेगा !!!

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एक कवि भी जानता है

एक लेखक भी मानता है

कब कहां जाय

कब लिखा जाय

कहां से बचकर लिखा जाय

जो गला काटने को उतारू है

उसके लिए कुछ कहा ना जाय

जब भी लिखा जाय

समझदारों को टार्गेट किया जाय !!!


हर चीज में सियासत देखना

अच्छी बातों पे एजेंडा देखना

लोगों को इस तरह थका दिया है

उसकी थकान देखना

वो बुद्धिजीवी हैं इस बात का गुमान है

सुविधानुसार हर चीज़ का अर्थ देखना

सुकून पाना चाहते हो राज

अपने कामों पे प्यार देखना !!!

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