उदासीनता का अर्थ - लेख nostalgia-meaning-article

 वैराग्य और उदासीनता- एक नहीं है लेकिन दोनों एक दूसरे के पूरक लगते हैं । nostalgia-meaning-article-literature-life

हां,, यह बात सही है वैराग्य ज्ञान की अवस्था है मगर कुछ लोग उदासीनता में भी ज्ञान की बातें करते हैं । उसकी रूचि उन्हीं चीजों पे होती है । जिस चीज़ों से दिलचस्पी है । बाकी चीजों पर ध्यान नहीं देते हैं । जैसे वैराग्य में संसारिक रिश्तों को कोई महत्व नहीं देते हैं । ठीक इसी तरह उदासीनता से अपने व्यक्तिगत जीवन में बाहरी लोगों का । वैराग्य का कारण परम सत्य है तो उदासीनता कारण परम हित । बाकी चीजों का त्याग करना उच्च ज्ञान जैसे है । उदासीनता और वैराग्य में लोग रिश्तों को तटस्थ होकर देखते हैं । शामिल होकर नहीं । जिसके कारण इन दोनों अवस्थाओं में जीने वाले लोगों पर उम्मीद करना,, मतलब अपना नुकसान करना है । जो मेरे हिसाब से वर्तमान समय में सबसे ज्यादा दिखाई देते हैं । इस प्रकार के जीने वाले को निकम्मा कहना ग़लत है । हां वैराग्य से तुलना गलत हो सकता है लेकिन बेहतर है इसलिए तो लोग अपनाते हैं ।

उदासीनता से ज्ञान -nostalgia-meaning-article-literature-life


जब अपने हित की बातें आती हैं तो उसकी तीसरी आंख खुल जाती है । कई अपने हित के अनुकूल बातें करने लगते हैं । तर्क ऐसे सत्य भी परेशान हो जाता है । हालांकि झूठ है लेकिन मिसाल किसी सत्य से कम नहीं है । बेशक लोग पकड़े जाते हैं और गिर जाते हैं । लेकिन ज्यादातर लोगों के गिरे होने के कारण संभल जाते हैं । मतलब तुलनात्मक राजनीतिक विचारधारा से खुद को बचा ले जाते हैं । इसलिए कहा जा सकता है कि उदासीनता भी वैराग्य समान ज्ञान देता है । 

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-राजकपूर राजपूत

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