I know poetry literature life मैं जानता हूं

आजकल के लोग सियासत को बुद्धिमत्ता का गुण मानते हैं ।I-know-poetry-literature-life चालाकी को समझदारी मानते हैं । छुपाएं रहते हैं । अपने इरादे और समय आने पर पीठ पर खंजर घोंपते हैं । मतलब निकालकर संतुष्ट रहते हैं । इस पर कविता हिन्दी में 👇👇

I know poetry literature life

मैं जानता हूं

तुम सच के नाम पर

बहलाने आए हो

प्रेम के बहाने

घृणा लाए हो

तुम्हारे छुपाने की कोशिश

तुलनात्मक समझाने की कोशिश

बहुत कुछ कहती है

तुम्हारे भीतर नफ़रत रहती है

जो क़त्ल करने को आतुर है

तेरे सीधे पन के पीछे खंजर है

जिसे छुपाएं हो मीठे बोल से

नफा नुकसान के तौल से

छुपाएं हो इरादे

अभी अवसर नहीं है

जान के !!!


मैं जानता हूं

कई बातें

सबके सामने नहीं की जाती है

लेकिन मैं वहीं असफल हो जाता हूं

जब तुम समझ नहीं पाते

तेरे मेरे बीच के रिश्ते को

उलझा देते हो

और बाहरी लोगों के सामने

तुम सही बन जाते हो !!!!


मैं जानता हूं

तुम्हें चाहता हूं

मेरी चाहत ही है

तुम्हें जीने को मजबुर करती है

और तुम इसी उम्मीद में जिंदा हो

मेरा कोई है

सोचकर

संतुष्ट हो

अपने जीवन में !!!!

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I know poetry literature life



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