अक्लमंदों ने रिश्तों से समझौता कर लिया है ।Jindgi-tujhse-har-kadam-pe-samjhota-shayri ताकि रिश्तों को मनचाही भाषा में परिभाषित किया जा सके । अपनी सुविधानुसार तोड़ सकें । जो किसी साजिश से कम नहीं है । पास होकर महसूस होने नहीं देते हैं । अपनी नीयत को । जो जब जरूरत आने पर दिखाई देती है । तब तक अपनी सियासत से छुपाए रखते हैं । प्रस्तुत है इसी नीयत पर गजल हिन्दी में 👇👇
Jindgi-tujhse-har-kadam-pe-samjhota-shayri-
अक्लमंदों ने रिश्तों से समझौता कर लिया
नादान ही बचें हैं रिश्तों को चलाने के लिए
सोची - समझी कोई साजिश लगती है मोहब्बत
अब कोई और तरीका नहीं है प्यार के लिए
समझौतों पे टिका हुआ रिश्ता कुछ शर्तों से
शंकाओं को इजाजत देता है रिश्तों के लिए
हम जिसे अच्छा समझते थे वहीं दोगला निकला
उसके बुद्धिजीवी होने का दावा
नादानो को केवल बहलाने के लिए !!!
समझौता शायरी
बहुत ध्यान देते हैं आजकल रिश्तों में
जैसे समझौता कर लिए है रिश्तों में
हां, वो जानता है अपने प्यार की सीमा
सच नहीं कहता चापलूसी है रिश्तों में
उसके रिश्ते मतलब पे टीका है बहुत
मीठी बातों को शामिल किया है रिश्तों में
इतना समझदार नहीं जितना मैं समझता हूं
नीयत मतलबी है उनके रिश्तों में!!!
रिश्तों से समझौता
जाने कैसे मोहब्बत की बातें की होगी
रिश्तों को समझौते से बांधने के बाद
लोगों को समझाते फिरते हैं
रिश्ते तोड़ जाने के बाद
आज भी वो अच्छे भले लगते हैं
रिश्तों से समझौता कर लेने के बाद
जाने कैसे मोहब्बत में बातें की होगी
कई वादे निभाने के बाद उसके टूट जाने के बाद !!
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2 टिप्पणियाँ
Bahut Sundar rachana sir ji
जवाब देंहटाएंधन्यवाद 🙏
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