कविता अधूरी रह गई

 कविता अधूरी रही

अपने भीतर
बेशक डूबना चाहती थी
अपने भीतर
कल्पनाओं के सहारे
अपने ही भावों में
जहां उसको सुकून मिलता था
लेकिन बाह्य दुनिया
अवहेलना भरी नजरों से
देख रही थी
कविताओं को
उसकी कल्पनाओं को
पेड़ से लेकर फूल तक
उसकी चाहत की भूल तक
कई तर्क लगाते हुए
आखिर क्या मिलता है
कविताओं में
न पेट भरता है
न पैसा मिलता है
जिसे न समझा पाए
न दिखा पाए
कविता किसी को
इसलिए अकेली रह गई कविता  !!!!
Meregeet In literary life, you will get to read poetry, ghazals, story articles etc.




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