मैंने समेट लिया है - कविता

I have gathered-taken-poetry-literature-life

 मैंने समेट लिया है

हर दर्द
हर रिश्ते नाते
अपना अहसास

जिसे मैंने सीने में रखा हूं
(माना वो मेरे नहीं है
फिर भी)
और जिंदगी का 
सफ़र पे चला हूं
न मेरे आंसू कभी बहे
हर दर्द हंस कर सहे
बिना शिकायत के 

मैं जानता हूं
रिश्तों की अहमियत
दर्द की कीमत
मुझे जीने का आधार देता है
इन्हीं रिश्तों ने
इन्हीं दर्दों ने
मुझे अहसास देता है 
पहचान दी है 
जो मेरे नहीं है
फिर भी !!!!

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जब कोई तुम्हारा हृदय तोड़ दें 
तो खुद को प्रेम से जोड़ दें 
लड़ने की ताकत मिलेगी 
रिश्ता बेवजह का तू छोड़ दें !!!!


मैंने समेटा है 
उन रिश्तों को 
जिसमें जीवन है 
और मैं जानता हूं 
वो तुम हो 
जो पूरी दुनिया के बराबर है !!!!

मैं समेट लेता हूं 
तेरा अहसास 
इसलिए लगते हो तुम मुझे 
मेरे पास !!!!
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