Bhookh-kyo-nhi-lagti-kavita
भूख उतनी नहीं है
जितनी बताया जाता है
वर्ना पत्थर मारने वाले को
बचाया नहीं जाते
उसे भूख के लिए
लड़ाया जाता
पत्थर नहीं देते हाथों में
झूठ उतना नहीं है
जितना झूठलाया जाता है
वर्ना सत्य को पराजित करने के लिए
कई तरीके नहीं अपनाते
बातों को नहीं बनाते
अपनी सियासत से
उतना मुर्ख नहीं है
जितना तुम्हें समझते हैं
उतना अच्छा नहीं हो
जितनी अपनी बातों को श्रेष्ठ समझते हो
दोमुंहे सांप की तरह
एक में मीठा दूजे में ज़हर
बस तुम्हारे डसने का तरीका अलग है !!!
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