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मिट्टी का इंसान
क्षणभर पहचान
फिर भी गुरूर है
तू कितना नादान
सदा रहना नहीं हैं
फिर भी अभिमान
जो करना है कर ले
वक्त कीमत तू जान
कल का क्या भरोसा
मौत से अनजान !!
मत कर तू अभिमान
मिट्टी का इंसान
दिखावा आ गया है
पैसों का है गुमान
मुर्खों से ना दोस्ती कर
हर पल खतरा जान
मतलब के सब रिश्ते
कौन अपना कौन पराया पहचान !!!!
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