मेरी कविताएं
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मेरी कविताएं
अंततः मेरे हृदय की बात है
जो मैं कह नहीं पाता हूं
तुम्हारे सामने
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तुम्हारे चले जाने के बाद
मुझे याद आता है
मेरी तेरी मुलाकात अधूरी थी
कई शब्द छूट गए थे
जी भरा नहीं था
मन कहता है
थोड़ी देर और ठहर जाते
जी भर जाता
लेकिन सोचता हूं
अब फूर्सत कहां है
किसी को
शायद ! तुम्हें भी नहीं है
मैं मानता हूं
जीने के लिए
भटकना पड़ता है दर-बदर
यहां वहां
जहां मन नहीं करता है
वहां भी
ऐसे में जब
तुम्हें थकान महसूस हो
मन बोझिल हो जाए
तुम मेरी कविताएं पढ़ लेना
मेरे हृदय की बात सून लेना
मेरी बातें पूरी हो जाएगी
जो अधूरी थी
तेरी मेरी मुलाकात से !!!!
तुमने पढ़ी नहीं है
कविताएं
या फुर्सत नहीं निकालें हो
पढ़ने के लिए
वर्ना
आज छोटी और सियासी कविताओं पर
वाह ! नहीं करते
तुमने जीवन नहीं तलाशा है
सियासत तलाशी है
किसी पार्टी की
जिसके विचारों को
विरोध करना उद्देश्य है
इसलिए वाह ! वाह ! करना ध्येय है !!!
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