Ghazal-in-Hindi-in-your-absence
तुम्हारी अनुपस्थिति में
तुम्हारा ख्याल आता है बहुत
मन नहीं लगता है गैरों की बातों में
तेरे ही ख्यालों में ठहर जाता हूं बहुत
ख्यालों में ही सही मगर गुफ्तगू होती है
भुला नहीं जाता तुझे प्यार है बहुत
कौन मुझे चाहेगा एक तेरे सिवा
नफरतों की दुनिया में दुश्मन है बहुत
दिल टूटा हो और मन रोता हो
सिर्फ तेरे नाम से सुकून है बहुत !!!
Ghazal-in-Hindi-in-your-absence
सहसा
मुझे याद आया
तुम
जब मन नहीं लग रहा था
दिन नहीं गुज़र रहा था
तेरे ख्याल आने से
सहसा
लगा मुझे
तेरे ख्यालों में
जीवन है
उदासी और बोरियत नहीं है
जीवन में
क्यों न मैं ख्वाब सजाता रहूं
समय व्यतीत करने में !!!!!
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