शिक्षित समूहों में Poetry-Hindi-in-educated-groups

Poetry-Hindi-in-educated-groups

 शिक्षित समूहों में

जब जाओगे
खुद को अकेला पाओगे
एक सोच
उसे भिन्न करने की कोशिश करती है
एक सभ्यता
पढ़ें लिखे होने की
एक स्तर पे उठा देती है
अलग होने की
पहचान देती है
उन लोगों से
जो भावनाओं में जीते हैं
सहज विश्वास कर लेते हैं
एक पढ़ें लिखे लोगों की अपेक्षा में
उसके पास
तर्क करने की क्षमता नहीं है
जो अंतर कर सके
लाभ/हानि को
इसलिए एक अनपढ़
बहुत कुछ समेटे हैं
अपने भीतर में
नैतिकता से लेकर
ईश्वर तक का
एक भय से 
मुक्त नहीं हो पाते हैं
और इसी डर में
एक लकीर में बंध जाते हैं
जिसके इर्द गिर्द
जितनी जिम्मेदारियां हैं
निभाते हैं 
अपनी समझ अनुसार
जबकि इसके विपरित
पढ़ें लिखे लोग
सजग होते हैं
अपने अधिकारों से लेकर
व्यक्तिगत फायदों तक
नैतिकताओं को
सुविधा अनुसार मोड़ सकते हैं
तोड़ सकते हैं
जब चाहे
ईश्वर से बड़ा
होने का दावा कर सकते हैं
उसे ईश्वर का डर नहीं !!!!!

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बचकर निकलना 
और बदमाशों के बीच में 
सेक्युलर 
मतलब बीच-बचाव 
अर्थात 
समझदारों को समझा देना 
और नहीं समझें तो 
उसकी उपेक्षा करना 
शिक्षित होने का सबूत है 
क्योंकि इस तरह से करके 
उसने साबित किया कि 
खतरा किस ओर ज्यादा है 
उससे बच गया !!!!!

ज्ञान की चर्चाएं 
नफरती लोगों के बीच होती है 
किसी की आलोचनाओं को 
प्रगतिशील की तरह प्रस्तुत करना 
उनके शिक्षित होने का मतलब यही है !!!!

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- राजकपूर राजपूत 
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