ghazal-on-hypocrisy-in-hindi
गैरों को खुश करना है तो मेरा दिल तोड़ सकते हो
मुझे भी तुझसे उम्मीद नहीं तुम मुझे छोड़ सकते हो
तू सरदर्द है ज़ालिम न इस पार हो न उस पार हो
मौकापरस्ती में हो गिरगिट से रिश्ता जोड़ सकते हो
न तुम्हें सच स्थापित करना है और न ही कभी झूठ
मतलब निकालने से मतलब है किसी को तोड़ सकते हो
ये ऐसा दौर है "राज "सबमें इकोसिस्टम हावी है
मधुर रिश्ते हैं मगर एक ग़लती रिश्ते तोड़ सकते हो
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