मेरी मृत्यु के समय Poem-in-Hindi-at-the-time-of-my-death

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 मेरी मृत्यु के समय

तुम्हारा हृदय
बदलने के लिए आतुर होगा
मेरी हालत देख
तुम्हारे हृदय के भीतर 
करूण वेदना उमड़ी होगी
जो कभी तुमने मेरे सामने
प्रगट नहीं किए
स्वीकार नहीं किए
मेरा प्यार,, मुझे
तुम्हें अब अहसास हुआ होगा
मैं आज के बाद 
इस दुनिया में नहीं रहूंगा
सदा, ,सदा के लिए
शायद ! तुम्हारी शिकायत
अधूरी रह गई होगी
जिस वजह से
तुम पछता रहे हो
मेरी मृत्यु के बाद
जो सर्वथा निर्थक है
तुम्हारी करूण पुकार
जिसकी आवाजें
मेरे कानों तक पहुंच नहीं पाएंगी
क्योंकि अपनी मृत्यु के समय
मैं आराम की अवस्था में रहूंगा
इस दुनिया से नाराज़ रहूंगा
जिसने मुझे जीते जी अपनाया नहीं
जितना मैंने चाहा मुझे चाहा नहीं
इसलिए मेरी मृत्यु पर
शोक मत मनाओ
मुझे आराम करने दो !!!!!!

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मृत्यु के समय
तुम्हारा अधूरा संवाद
जो हलक में आकर रूक गया
और प्राण छूट गया 
जिसे समझ न पाया कोई
और तुम कह न पाए
वर्ना सबके बीच
तुम जीवित रहते
कुछ और दिनों तक
तुम्हारे आखिर शब्दों में
अर्थ ढूंढता
तुम्हारे अपने गुनता
तुम्हारे अधूरे शब्द का अर्थ
तुम्हें जल्दी मार दिया
सबके बीच से !!!!

प्राण रहने से पहले

कई लोग मिलने आएं
जो कभी मिले नहीं
न हृदय से
न मन से
डरे हुए
मेरे हालात देख कर
अपना भविष्य देखकर
सहानुभूति जता रहे थे
मुझे समझा रहे थे
सबका यही होना है 

जिनमें कुछ अपने
मुझे खोना नहीं चाहता था
जिसे देख
लालसा जागी
मुझे और जीना था
आख़री समय
मेरी सारी स्मृतियां मिल रही थी
मृत प्रायः मैं पड़ा था
लेकिन जीवित थी मेरी जिंदगी
क्रमबद्ध आकर मिल रही थी
पुनः आख़री समय में !!!!

मेरी मृत्यु
तुम्हारी मृत्यु की स्मरण है
सचेत रहना
तुम्हें सदा नहीं रहना है !!!
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