bitter-truth-hindi meregeet
मैं भी वही कहता हूँ
वो भी वहीं कहता हैं
बताओ तो नैतिकता
कहाँ रह जाता है
बडबोले कहो या फिर केवल बातें
वहाँ पर सच कहाँ रह जाता है
मैं भी जानता हूँ
वो भी जानता है
इसी जिद के सामने
नैतिकता कहाँ रह जाता है
लोग जानते हैं समझदारी
सुविधा में गिर जाते हैं
दिखावे में उठ जाते है
वो समर्थन ही है सबका
जहाँ कही स्वार्थ जुडा़ है आपका !!!
bitter-truth-hindi meregeet
मैं भी कहता हूं
जब हम दोनों अलग हो जाएं
तो कोई शिक़ायत न रह जाए
झगड़ा और प्यार पर्याप्त हो
मन भर जाए
तृप्त
फिर प्यासें हो कर
मिलने की उम्मीद न रह जाए
इस तरह अलग हो जाएं !!!
सियासी समझ
तुम्हारी
गुणा भाग की तरह
जिसमें सारे हिस्से तेरे
और शेषफल
मेरा !!!!
सियासी समझ
व्यवहार को सीमित कर
व्यक्तिवादी बना दिया
लाभ के हिसाब से
तौला गया शब्द
मतलब के बाद
अपने हिस्से ही
झुकेंगे
कांटे !!!!
जानना और मानना
दोनों अलग है
हम जानते हैं
आजकल के रिश्ते
इसलिए डरें हैं
हर रिश्तों से
नुकसान होने से
फायदे देख
मानने लगते हैं
और जोखिम उठाने से
डरते नहीं !!!!
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राजकपूर राजपूत
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