वहीं दिन है वहीं रातें
वही दिन है वही रातें
वही पल है वही बातें
क्यों भींगना छोड़ दिया है
वही मौसम है वही बरसातें
कुछ भी तो नहीं बदले हैं
वही रिश्ते हैं वही नाते
तुझमें उदासी क्यों छाई है
वही दिल है वही जज्बातें
आज भी इंतजार में खड़ा हूॅं
वही दरिया है वही तुम आते
---राजकपूर राजपूत
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