mirror-on-poem-hindi
आईना
झूठा ही सही
मगर दिल की बातें
बाहर आ जाती है
बस आईने के सामने
खड़े हो जाओ
जितनी शिकायत है
बाहर आ जाती है
दुनिया तुम्हें
क्या कहती है
दुनिया को तुम
क्या कहते हो
सारी बातें
आईने के सामने
आ जाती है
शर्त है कि
आईना झूठा ही सही मगर
तुम्हें सच्चा होना चाहिए
दिल के प्रति
उसकी भावनाओं के प्रति
और देख सको
सारी दुनिया को
खुद को
आईने के सामने !!!!
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वो आईने के सामने खड़े हो कर
उसकी सूरत देखती है
अपनी कमजोरियां छुपा कर
गैरों को बताती है
मुस्कुराने वाले मुस्कुराती है
झूठी तसल्ली से
लेकिन आइना सबकी हकीकत जानती है !!!!
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