एकपक्षीय लिखने वाले -कविता hypocrisy-on-poetry-hindi.

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 एकपक्षीय लिखने वाले

लोगों का अंबार है

देखो उसके एक पक्षीय में

कितनी नफ़रत या प्यार है

बांट के नजरिए जो रखा है

जिसके तेरे मेरे का संसार है

मुर्ख उसे ही चिढ़ाते हैं

जो आदमी बहुत समझदार है

वो बन गया विद्वान ज़रूर मगर

जिसका अपना अपना है

बाकी दरकिनार है

उसकी आक्रमकता मुर्खता है

जिसके नग्नता का व्यापार है

वो आदमी दोस्ती के लायक नहीं

जो मतलब का यार है

जागरूकता के नाम पे

नफ़रत शेयर करते हैं

जिसके वाट्सअप और फेसबुक में

बहस के नाम पे तकरार है

उसे क्या माने अपना

जो अपना बस सुनने को तैयार है

हर बात को सुविधा में प्रस्तुति

शायद ! वो आदमी सियासत से लाचार है !!!!

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एकपक्षीय लिखने वालों ने

सदा सियासत की है

अपने को सही

गैरों को गलत की है

उसने स्थापित की अपनी बात

बहस इतनी अच्छी की है

वो चुन-चुन लें लेते हैं

मनमर्जी बातें

सदा सुविधानुसार बातें की है !!!


राजनीति एक बंटवारा है

सच हमेशा हारा है
जो निर्लज्जता को स्वीकार कर
लेते जब सहारा है
सच हमेशा हारा है
क्या सच है क्या झूठ है
मैं सही दो टूक है
बहस निरंतर जारी है
सच्चाई पर भारी है
आदमी अच्छा मगर एक किनारा है
सच हमेशा हारा है !!!


संबंध रख सकता था
मतलबी लोगों से
लेकिन वो मतलब निकालने तक
रिश्ते बना नहीं पाएं !!!

हारा मगर जीत के समान

तुम जीते मगर हार के समान
उन चीजों को तुम छोड़ दिए
स्वाभिमान में जीना तुम छोड़ दिए
क्या रखा है खुद्दारी बिना
जिंदा है मगर मरे समान
तुम जीते मगर हार के समान 
माना परिभाषाएं बदल दिए
जो मन में आए सब लें लिए
गिरना भी तेरा दर्शन है
नई सफलता का नया वर्जन है
सच झूठ सब एक समान
तुम जीते मगर हार के समान
रिश्तों में अब थकावट है
जहां मतलब वहां बसावट है
सफलता के लिए जरूरी हो सकती है
मानवता अभी और गिर सकती है
आदमी है मगर जानवर के समान
तुम जीते मगर हार के समान !!!!

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