जब तक सत्य को स्वीकार नहीं करेंगे । What-is-the-truth दुनिया भ्रमित रहेगी। सत्य केवल यही है कि हम सभी इंसान हैं । जिसे स्वीकार करना आजकल तो और भी मुश्किल है ।
अपने ही विचारों को श्रेष्ठ साबित करने में द्वेषपूर्ण व्यवहार टकराव की स्थिति निर्मित करेगी और उलझे रहेंगे। सारी दुनिया।
What-is-the-truth
श्रेष्ठ लोग कब अपने स्वार्थ को परिभाषित कर रहे हैं।
उसके तर्कों से समझ नहीं पाएंगे । जन साधारण ।
टकराव का निर्माण कोई और नहीं करता है । जो समझ में सक्षम है । वही अपने विचारों को प्रमाणित करते हैं । जानबूझकर एकपक्षीय विचारों से लोगों गलत राह पकड़ाते हैं ।
अपनी धारणाओं को कोई भी इंसान इतनी आसानी से छोड़ नहीं पाते हैं । जहां तक हो सके हर कोई सुरक्षित जगह तलाशते हैं । समान विचारधारा के लोगों को ढूंढते हैं । जिसके भावनात्मक जुड़ाव से कार्यों से जीवन जीते हैं ।
चाहे सियासत हो, धर्म हो या व्यक्तिगत जीवन के विचार हर कोई उसे स्थापित करने का प्रयास करते हैं । जिसकी वजह से परस्पर टकराव की स्थिति निर्मित होती है ।
स्वयं से भिन्न विचारों से नफ़रत, घृणा, उसकी खिल्ली उड़ाते हैं । जो शायद ! निरंतर जारी रहेगा । क्योंकि लोगों का एकमत होकर किसी सत्य को स्वीकार करना मुश्किल काम है । लोग इसी तरह जीते हैं दुनिया में !
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राजकपूर राजपूत''राज''
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