truth-of-degradation-on-article-hind- सत्य की अधोगति
यदि सूरज बादलों से ढका रहे तो सूरज को मलाल होना चाहिए । उसकी रौशनी सभी दिशाओं में नहीं फैल पा रही है । ठीक इसी तरह से सत्य की बात स्वीकार करने वाले लोगों को भी मलाल होना चाहिए।जब सत्य की अधोगति हो ।
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खास करके तब, जब सत्य हाशिए पर हो । ऐसे में समझदार आदमी को चाहिए उसके रक्षा करने के लिए सदैव तत्पर रहे । बचकर निकलने की प्रवृत्ति बुरे लोगोें का बढ़ावा है । उपर से दावा करना कि हम सत्य के पथ को मानने वाले लोग हैं । ठीक वैसे ही लगता है जैसे सत्य का मज़ाक हो । तेरे मेरे के बीच में उलझ कर सत्य को परिभाषित करना , घोर उपेक्षा है सत्य की । ऐसे में आत्ममुग्धता की सोच बेकार है । लोग ऐसा कहकर खुद को खुद में समेट लेता है । अपनी सुविधा में । ऐसी सत्यता बनावटी है । जो कमजोर को देखकर हावी होते हैं ।प्रबल को नहीं । सत्य का उपदेश केवल सीधे-सादे व्यक्ति के बीच चर्चा का विषय बनकर रह जाता है ।
अच्छी बातें
अच्छी बातें सरलता से मतलब साधने का साधन मात्र है । जिसे निरंतरता और सरलता से अपनाया नहीं जा सकता है । व्यवस्था हमारी इसी तरह से बन गया है । मतलब निकालना नैतिकता है । जिसे स्थापित लोगों द्वारा समय-समय पर प्रदर्शित किया गया है । जिसे अपनाने के लिए जनसाधारण उद्यंत है ।
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