poetry-social-thinking-on
हम अक्सर दूसरों को
हम अक्सर दूसरों को
देखना शुरू कर देते हैं
और निर्णय पर पहुंच जाते हैं
फलाने ऐसे हैं
ढेकाने ऐसे हैं
लेकिन भूल जाते हैं
खुद को देखना
हम कैसे हैं
इस तरह स्मार्ट बन जाते हैं
दूसरों पर निर्णय लेकर
जो बहुत सहज है !!!!
poetry-social-thinking-on
सोशल मीडिया क्या मिला
ज्ञान देने लगे
रायचंद की तरह
राय देने लगे
जैसे वो सबकुछ जानते हैं
तुम्हारी सोच
कमजोर है
उसके सामने
बात मान लो उसकी
एक दबाव है
थकान है
जो तुम्हें बदल देगा
अगर सुनोगे
रायचंदों की बातें !!!
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