मुझे भी साथ ले चलो-poem-hindi-in-love-ki कविता

 

poem-hindi-in-love-ki

मुझे भी साथ ले चलो 

भीड़ की दुनिया से दूर 

जहाँ मैं रहूँ जहाँ तुम रहो 

नफ़रत न हो दिलों में 

जहाँ बस प्यार ही प्यार हो 

चलो ऐसी दुनिया बसाते हैं 

खुद के लिए कुछ पल चुराते हैं 

आँखों से पढ़े दिल की बात 

आओ ! ऐसी समझ बनाते हैं 

महके अपना घर आँगन 

ऐसा फूल खिलाते हैं !!!


मुझे भी साथ ले चलों 

जहाँ तुम्हारी खुशियाँ है 

मैं खुद को बदल लूँगा तेरे हिसाब से 

तेरी ख़ुशी में मेरी खुशियाँ है !!!

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