वो विरोध करता है मेरा
मुखर होकर
मेरी गलतियों की ओर
अक्सर इशारा करता है
कि मैं गलत हूँ
और मैं
ढूँढने की कोशिश करता हूँ
उसके शब्दों में
मेरे लिए प्यार
लेकिन, शायद !
वो देने के लिए
नहीं है तैयार
एक नफ़रत भरी दृष्टि
अट्टहास से पूर्ण है
मनोबल गिराने के लिए
और परिवर्तन करने की कोशिश है
अपनी बुराई में
जिसे मैं
कभी कभी गौर करता हूँ
उसके भीतर की बुराई की ओर
जो सरल मार्ग है
सुविधावादी
खुद के लिए
जीने की आदी
जहाँ जीना मुश्किल है
मेरे लिए !!!!!
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