अपनी अपनी धारणाएं हैं । जिस पर लोग निर्भर है ।
कविता हिन्दी में 👇👇👇
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अपनी अवधारणाएं
स्थापित कर लिए हैं
हर कोई
किसी पुर्वाग्रही की तरह
सही/गलत के बगैर
एक समझ
जो लोगों से
दूर करते हैं
बिल्कुल..
एक दूसरे से
भिन्न
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किसी हक़ की तरह
अपनाएं हैं
जीने के लिए
खुद को सर्वस्व मानकर
उत्तेजित होकर
जो अपना कर्तव्य
भूल जाते हैं
किसी की भावनाओं का
कद्र करना
छूट जाते हैं
उसके ज़ेहन से
जो जानते हैं
सिर्फ अपनी अहमियत
बाकी किसी की नहीं !!!!
मर जाते हैं ज्ञान
जब छोड़ दिया जाता है
पढ़ना लिखना
नए विचारों का आना
लोग जुड़ जाते हैं
उन नैतिकताओं से
जो हकीकत की धरातल से
जमी हुई होती है
कठोर, सख्त
जिसमें जीने के लिए
जद्दोजहद करते हुए लोग
भूल जाते हैं
अच्छी नैतिकताओं को
दरकिनार कर
शामिल होने का प्रयास करते हैं
जो चलन पर आधारित होते हैं
सिर्फ सफलता और पैसा कमाने के तरीके !!!
बहुत कठिन है
ऊंची नैतिकता का पालन
हकीकत की जमीन पर
सरलता से पाने की है
ख्वाहिश सब पाले बैठे हैं
इसलिए दरकिनार कर दिए हैं
व्यवहार जीवन से !!!
तुम्हें उदास नहीं होना चाहिए
लोग झूठे हैं
बल्कि खुश होना चाहिए
लोग अपनी सफलता के लिए
गिर गए हैं
मर गए हैं !!!
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