Ghazal-ishq-ki-hindi-in
जुदा होना कोई मुश्किल नहीं था
बहसों में तकरार होना मुश्किल नहीं था
जब जगह ले ली दिलों में नफ़रत तो
वहॉं मनभेद होना मुश्किल नहीं था
देख रहा था तुम्हें उम्मीद भरी निगाहों से
गर आवाज दी होती तो लौटना मुश्किल नहीं था
मैं हर बार क्यों हार जाता हूॅं तेरे सामने
जहॉं मेरा जीतना कोई मुश्किल नहीं था
तेरे लफ्जों में बया हो गई दिल की बातें
मेरा दिल का टूटना कोई मुश्किल नहीं था
यूॅं तो पलटकर देखा तुम्हें कई बार मैंने
ठहर जाते तो प्यार होना मुश्किल नहीं था !!!!
Ghazal-ishq-ki-hindi-in
मैं लौटा था
बहुत दिनों बाद
प्रेम में
जैसे लौटा था
मानसून
कम बरसते हुए
खरीफ़ फ़सल के अनुरूप
ज़रूरत के हिसाब से
मैं लौटा था
प्रेम में !!!!
-राजकपूर राजपूत
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