हुनर जीने का आ जाए

 हुनर जीने का आ जाए

मज़ा जीने का आ जाए

हजार ख्वाहिश नहीं है मेरी

दिल धड़का है कोई आ जाए

निकल गया सफ़र में तो ग़म नहीं

चाहे फ़ूल या कांटे हो आ जाए

हसरतें पूरी नहीं होती कभी 'राज़'

बस एक ही तमन्ना है कोई आ जाए

कोई आ जाए

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