मात खा गए आखिर

 मात खा गए आखिर

अपनी ही चाल से

जैसे फंस जाती है मकड़ी

अपने ही जाल से

अब फुर्सत कहॉं है उसे

अपने ही हाल से

वो मुस्कुरा कर धोखा देते हैं

वाक़िफ हूॅं उसकी हर चाल से

वादा किया है वे बदलेंगे

आने वाले नए साल से

मात खा गए आखिर

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