independence-day-on-special-poem
कतारबद्ध हो कर बस्ती में घुमना
जयकारा बोल कर मस्ती में घुमना
कितने मजे में थे वो बचपन के दिन
साल में दो बार आता है स्वतंत्रता के दिन
हॅंसते गाते, मौज मनाते थे शाला के आंगन में
कितने खुश थे गीत, कविता, नृत्य और गायन में
भारत मॉं तेरे शहीदों को सदा नमन
तेरे चरणों की मिट्टी को सत् सत् नमन
दिल से दुआ है रहे सलामत मेरे देश की शान
आओ कर चले देश के खातिर अपना दिल और जान !!!!
independence-day-on-special-poem
देश अभी उबला नहीं है
उबला होता तो
जान जाता
पहचान जाता
और याद रखते
देश के साथ गद्दारी जो किए
उसने बंटवारा मांगा है !!!!!
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