मैं जितना रोता हूं

 मैं जितना रोता हूॅं

हल्का होता हूॅं

मेरा दर्द ऑंसू बन

बूंद बूंद झलक जाते हैं

जब मैं कह नहीं पाता हूॅं

किसी बच्चे की तरह

पांव पटककर रह जाता हूॅं !!!


मैं जितना रोता हूं 

सहानुभूति और दया 

लेकर आ गए वो 

शायद मैं गरीब था 

और वो अमीर 

मेरे जख्म को भरने लगे ! 




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