थी दोनों की राह जुदा

दोनों की राह जुदा 


 थी दोनों की राह जुदा

समझ न पाए हमने ख़ुदा

खुल के कभी चाहत न बताई

असलियत छुपा ली उसने ख़ुदा

अगर मेरे करीब वो आ जाते

प्यार उसे भी हो जाते खुदा

ये दुनिया है मतलबी

तेरे सिवा मेरे कौन खुदा 

-राजकपूर राजपूत 


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