रूठने वाले poem on love

 poem on love

रूठने वाले 

 रूठने वाले

जाना है तो जा

मगर मेरी भी बात

सुनते जा

अभी जा रहे हो

मगर एक दिन पछताओगे

तुम हमारी तरह

प्यार कहॉं पाओगे

तुम्हें हक़ है 

अपनी मर्जी से जीने का

मगर ये हमारी तरह चाहने वाला

 कहां पाओगे !!!

poem on love

रूठने वाले इसलिए नहीं रूठते

उसका कोई है जो मानेंगी बात

जो करेंगी शिकायत आज !!!!

रूठना मनाना

रिश्तों को परिभाषित करते हैं

कम या ज्यादा

नजदिकियां बताती है !!!

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