आओ प्यार के दीये जलाएं poem on diwali

poem on diwali

 रौशनी का त्यौहार मनाएं

आओ प्यार के दीये जलाएं

मिटे अंधकार इस जग से

सत्य की राहें आसान बनाएं

नफ़रत न हो दिलों में कभी

सदा प्रेम रस की धार बहाएं

खुश रहे घर परिवार आपका

सबको हार्दिक शुभकामनाएं

एक राम है इस धरा पर

खुद जाने सबको बताएं 

हम हैं सामाजिक दायित्व निभाने वाले

व्यक्तिगत जीवन के लिए न ललचाएं 

न बहके न बहकाएं

बुराई को दिल से मिटाएं !!

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poem on diwali

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