ghazal-hindi-jindgi
जितनी आपकी अनुभूति होगी
जितना आपको अनुभव होगा
आपकी समझ की गहराई होगी
आपको जीवन का एहसास होगा
जिसके इर्द-गिर्द घूमते रहोगे दिमाग से
कुछ बुरे लगेंगे कुछ तुम्हारे खास होगा
निकल नहीं पाओगे ऐसी जिंदगी से
इसी सोच पे जीना और मरना होगा
तोड़ दो ये बंधन सारे
मुक्त जीवन का अहसास होगा
नवजीवन नवप्रभात होगा
यदि तू स्वयं ही स्वयं के आसपास होगा !!
अनुभूति ज्ञान का स्वरूप है
छू सको तो जिंदगी छांव - धूप है
मैं कहता नहीं हूं अब किसी को
मैं उसके जैसा वो मेरा ही रूप है !!!
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