इतना जुदा क्यों रहते हो

इतना जुदा क्यों रहते हो 


 खुद से खफा क्यों रहते हो

इतना जुदा क्यों रहते हो

कुछ बात है सीने में शाय़द

उसे दबा के क्यों रहते हो

प्यार था सभी से शिकायत तेरी

इतना दीवना क्यों रहते हो

चंद दिनों में भूल जाएगी तुझे

एकतरफा प्यार में क्यों रहते हो

जीने के कई बहाने है

इतनी जल्दी क्यों भूल जाते हो

-राजकपूर राजपूत 


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