ghazal on life
दिल रोता क्यों है
प्यार होता क्यों है
न बस में कुछ तेरे
फिर रोता क्यों है
लाख समझाओं दिल को
मन लगाता क्यों है
ये दुनिया भर की रस्में
मुझे समझाता क्यों है
लड़ जाऊंगा इत्मीनान से
वो मुझे डराता क्यों है
जो आया है वो जाएगा
मौत से डराता क्यों है !!!
ghazal on life
रात धीमी गति से चलने लगी
चांद दबे पांव
सितारे मुस्कुराएं ज़रूर
लेकिन बताया कुछ नहीं
और सूरज के आने से पहले
रात गुज़र गई
रात और दिन
कभी मुलाकात नहीं करते हैं
एक के आने से पहले
चलें जाते हैं
दुजा !!!!
2 टिप्पणियाँ
Bahut sundar Kavita sir ji
जवाब देंहटाएंधन्यवाद 🙏
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