मेरे पास आओ

 मेरे पास आओ

सुकून दे जाओ

तुझे निहारें मेरी ऑंखें

आराम दें जाओ

अब बरसों रे ! बादल

अंतस भिगो के जाओ

फूल खिला है धूप में

भौंरे गुनगुना के जाओ

मेरी एक ही आस है

मेरी प्यास बुझा के जाओ !!!

मेरे पास आओ 

आओ ऐसे फिर न जाओ  !!!


मैं जाऊंगा 

फिर न आऊंगा 

तुम पुकारोगे 

मैं सुन न पाऊंगा 

दिल से तुम्हें 

इस तरह भूला दूंगा !!!!


हम पे मुस्कुराने वाले 

दिल से दूर जाने वाले 

बेशक तुम बड़े भाव से चले जाओ ‌

हम भी कहां तुम्हें चाहने वाले !!!!


सींचता रहा पानी फूलों पर 

इसी उम्मीद पे 

एक दिन मुझे सुकून देगा 

बगिया खिलेंगे 

कई रंगों से !!!!


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