और बताओ ! क्या कर जाऊॅं

 और बताओ ! क्या कर जाऊॅं

तू कहे तो इत्मीनान से मर जाऊॅं

ज़िंदगी भी बहुत बड़ी दौलत है यारों

हॅंस के मांगे तो उसके नाम कर जाऊॅं

अकेले सफ़र करना मुश्किल है अब

तुम साथ दो आग का दरिया पार कर जाऊॅं !!!


आग अगर होती सीने में
तो मजा आता जीने में

लोग थके थके से लगते हैं
सफ़र बोझिल देखो चलने में

बुझी हुई आग कितना भी जलाओ
धुआं न उठा जलाने में


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