Kavita-hindi-prem
कशमकश बढ़ती गई
तेरे आने की आहट से
कशमकश बढ़ती गई
तेरे जाने की खबर से
तेरे सिवा क्या है मेरे पास जिंदगी
तुम ठहरों मेरे पास जिंदगी
मेरे दिल को आराम होगा
कशमकश का न नाम होगा
हमेशा के लिए !!!!
कहने के लिए दिल की बात बेताब है
सामने आएगी जिंदगी तो हालात खराब है !!!
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वो कह देती है दिल की बात
हम ढूंढते रह जाते हैं एक अवसर
हमें उसकी परवाह थी
उसने हमें अवसर न दिया
शायद हम ही नासमझ हैं
जिसे नहीं एतबार
जो उसके दिल को सुन लेते हैं
हर बार !!!
-राजकपूर राजपूत
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कशमकश बढ़ती गई |
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