Kavita-hindi-jarurt-par-hindi
मुझे उन लोगों की शराफ़त पे यकीन नहीं
जो मुझे सीधे-सादे जान कर कह तो देते हैं
लेकिन बुरे लोगों से डरकर चुप्पी मार लेते हैं
ऐसे लोगों को सुविधावादी सदा जानो तुम
ऐन वक्त पे अक्सर धोखे दे जाते हैं !!!
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डरा हुआ आदमी को
साथी क्या बनाना साथी
वो डरेगा और डराएगा
साथ क्या निभाएगा साथी
चलो अपने हौसलों से
क्या किसी के भरोसे चलना है साथी !!!!
सुना बहुत है
वो डरा बहुत है
उसने खुद को पीड़ित बताया
जिसने लूटा बहुत है
उसे प्रेम पर भरोसा है
जिसने गला काटा बहुत है !!!!
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