Ghazal hindi Exploitation
ये भी शोषण का हिस्सा है
ये भी शोषण का हिस्सा है
मूक-बधिर सा हो जाना
दूसरे के अन्याय के विरुद्ध
खुद ही चुप हो जाना
जिससे उम्मीद बांधे बैठें हैं
वक्त को न समझ पाना
ये दिल्लगी भी क्या चीज़ है
बेगैरतों से प्यार करते जाना
कभी समझेंगे दिल की बात
इसी आसरा में बैठ जाना
वो निकालते रहे मतलब अपना
जिसकी बातों पे आ जाना
उदासी को समझदारी न समझो
अपनी सुविधा में रोते जाना
जो कह न सके सच कभी
दूसरों को बहलाते जाना
इस जमाने में समझदारी यही है "राज़"
अपनी जिंदगी बचा जाना !!!
Ghazal hindi Exploitation
कहने में देरी हो
सब चलता है समझदारी हो
वक्त के साथ उसी में फंस गए
समझ हारी हो
ये भी शोषण है
न निकल पाने की लाचारी हो !!!
कुछ मतलब था
जो सहते रहे
अचानक लगा
मतलब पूरी तरह सिद्ध न होगा
तब समझ लेना
अपना खुद का शोषण करवाएं हो !!!
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