सच कह नहीं सकते
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सच देख नहीं सकते
यदि नफ़रत में हो
सच कह नहीं सकते
यदि प्यार में हो
किसी की भलाई
सोच नहीं सकते
यदि जलन में हो
सच का समर्थन
नहीं कर सकते
यदि सुविधा में हो
मतलब में हो
तुम्हें आसानी से
तर्क मिल जाएंगे
तुम जिस भाव में हो
सवाल ही सवाल है
जहॉं कोई जवाब न हो
अपने से विपरीत
विचारधारा के लिए
उसे परेशान करने के लिए
मजेदार बात ये है
तुम्हें नफ़रत में निकलें शब्द
उसके प्यार में निकलें शब्द
सच प्रतीत होते हैं
अपने दिल के भावनाओं से
जबकि सत्य
इन सबसे ऊपर है
तटस्थ है
कठोर है
रिश्तों से
नफ़रत से
प्यार से
जो अकेला है
सूर्य के समान
स्वयं जलता हुआ
मगर प्रकाश करता हुआ
दूसरों के लिए
जिसे अंतर नहीं
इंसानों की
मगर
सत्य को ढूंढना मुश्किल है
खासकर
आजकल के इंसानों में
जो किसी सियासत से
पोषित है
किसी एजेंडे के कारण
मन दूषित है
सावधान रहना !!!!!
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आजकल सच देख नहीं सकते हैं
नफरती कह सकते हैं
तथाकथित वैज्ञानिक
तर्को से फर्क कर सकते हैं
जिसे हम विचार कहते हैं
वह उसका एजेंडा हो सकता है
बहलाने के लिए कह सकता है
तुम भी बदलो
उनके विचारों में !!!!
आजकल सच देख नहीं सकते हैं
क्या कुछ मिल सकते हैं
प्रोत्साहन उसहओंगआ को मिलेगा
जो उनकी बिरादरी के होंगे
सच झूठ साबित करने में
तथाकथित बुद्धिजीवी माहिर होंगे !!!
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