यकीनन आसमान झुक गया है Ghazal-Inspirational-Hindi

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 अपनी राह बनाने निकले

जिंदगी को संवारने निकले

चल पड़ा हूॅं अपनी ही धुन में

ऑंधी-तुफानों से लड़ने निकले

मैं जानता हूॅं कोई साथ नहीं देगा

मेरे पैर खींचने जमाने निकले

यकीनन आसमान झुक गया है

मेरा हौसला देख मनाने निकले !!!

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निश्चित ही गुगल सर्च कर सकता है 

अपनी बिरादरी, अपने लोग 

निश्चित ही सोशल मीडिया 

मुर्खो को ताकत दे सकती है 

समूह बनाने के लिए 

जो हरा सकता है 

सच को 

लेकिन यही सोशल मीडिया और गुगल 

इंसान नहीं बना सकता है 

केवल देख सकता है 

समझ सकता है 

सबसे ज्यादा मुर्खो को 

और अपने सर्च इंजन पर ला सकता है 

उद्दंड करने के लिए 

सब तहस-नहस करने के लिए !!!!!


ज्यादा सुरक्षित है 

गुगल और सोशल मीडिया पर 

मुर्ख लोग 

उद्दंड लोग 

अपनी बिरादरी में रहने के लिए 

जिसे मुश्किल से मिलते हैं 

समर्थन 

उसे सोशल मीडिया पर 

आसानी से  !!!


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