जहॉं से जिंदगी शुरू की थी Ghazal-Hindi - Life

Ghazal-Hindi - Life 

 हम फिर वही जा पहुंचे

जहॉं से जिंदगी शुरू की थी

उदास ज़माने मुझे मिले बार-बार

ये राह नई जिंदगी ने शुरू की थी

हर शय हसीन थी तुझे पाके

जब हमनें जिंदगी शुरू की थी !!!

Ghazal-Hindi - Life

जहां से शुरू की थी जिंदगी 

वहीं से शुरू हो गई है 

आदमी असभ्य और बर्बर 

जानवरों को खाने की

कुछ मामले ऐसे हैं 

छत्तीस टूकडों में काट रहे हैं 

बस खा नहीं रहें हैं 

आदमी 

ताज्जुब तो तब है 

जो काट रहे हैं 

समर्थन कर रहा है 

उसका आदमी !!!


सभ्यता सिखाने की नहीं है 

सभ्यता के दुश्मनों को हारने की है 

वो एक पैर पर खड़ा हो कर चिल्ला रहे हैं 

ऐसे मुर्ख को हम समझा रहे हैं 

जबकि एक पैर तोड़ देना चाहिए !!!!


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