हम गहराई में जाना नहीं चाहते
कुछ खो कर पाना नहीं चाहते
मंजिल सबकी सतही हो गई है
तप कर कोई पाना नहीं चाहते
सुविधा की जिंदगी है सबकी
सच की राह पे कुछ पाना नहीं चाहते
उदासीनता है अब सबके सीने में
क्यों कोई तोड़ना नहीं चाहते
हम गहराई में जाना नहीं चाहते
कुछ खो कर पाना नहीं चाहते
मंजिल सबकी सतही हो गई है
तप कर कोई पाना नहीं चाहते
सुविधा की जिंदगी है सबकी
सच की राह पे कुछ पाना नहीं चाहते
उदासीनता है अब सबके सीने में
क्यों कोई तोड़ना नहीं चाहते
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