भाईचारा poetry social.

poetry social. Bhaichara 

 भाईचारा

मात्र एक शब्द है

एक दूसरे का प्यार नहीं

जिसे अपनाया नहीं जा सकता है

अपने जीवन में

क्योंकि एक वर्ग

इसे अपने जुबान की

शोभा बनाकर रखे हैं

अपनी असलियत छुपाने के लिए

अच्छे इंसानों के बीच

पहचान पाने के लिए !!

poetry social. Bhaichara 

भाईचारा

मुर्ख जीता

सहनशील हारा

मुर्खों की झुण्ड में

अच्छे इंसान गवारा

तुम्हारी सुनूं तो ठीक

वर्ना ख़ून की धारा

सवाल तुम करो

और मैं जवाब से हारा

व्यवस्था तुम्हारी है 

सियासत तुम्हारी है

सच हार गया

झूठ तुम्हारा

तुम्हारी आवाज़ में ताक़त है

डर गए जग सारा 

भाईचारा !!!


भाई चारा

आतंक का सहारा

गला काट दो

जब भाई बना लो !!!


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poetry social. Bhaichara



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