मेरा दिल Poetry_Love Hindi

Poetry_Love Hindi 

 मेरा दिल ही मेरा घर है 

जहाँ न भय है न डर है

तुम अब आओ मेरी जिंदगी

जहाँ बस प्यार ही प्यार है

मेरे ख्यालों में हू-ब-हू आ जाते हो सामने

ऐसा लगता है मुझे नहीं अब किसी का इंतजार है

इंतजार में बैठा था तेरे

फ़ोन की घंटी क्या बजी दिल बेकरार है

उमड़ता, मचलता है मन मेरा

मेरे सीने में न जाने कितना प्यार है

तू जो चाहे तो जीवन संवर जाए

वर्ना मेरा दर्द तो अपार है !!!

 Poetry_Love Hindi

मेरा दिल अकेले में रहता है पास

भीड़ का अच्छा नहीं अहसास

लोग मतलब से जीते हैं

जो जाते हैं पास

ऐसे में हमारे दिल को

अकेला ही ख़ास !!!


इंतजार इतना लम्बा न हो

दर्द आए और ठंडक न हो

उस वक्त मिल लेना मुझसे

जब दिल में उमड़ते प्यार हो !!!!


मुझे प्यार में जीने की आदत थी

मगर जिसे चाहा उसे मोहब्बत न थी

तकलीफ़ इसी बात की है

जिससे प्यार हुआ उसे नफ़रत थी !!!!

इन्हें भी पढ़ें 👉 ऐसे में मन लगा रहेगा 


Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ