ghazal on love
एक एक सॉंस अपनी
तेरे नाम जिंदगी अपनी
मैं और भला क्या मांगू
तेरी हॅंसी में खुशी अपनी
तुझे पहली नज़र में देखा था
धक से धड़कन रूकी अपनी
तेरे शहर में क्यों आ गया
न सुकून अपना,न शांति अपनी !!!!
ghazal on love
लोग सुनते हैं मनमाफिक
मीठा-मीठा, नहीं कोई लॉजिक
तुम सुनो उसके अनुसार
यही जीवन का सार
जिस दिन मुंह खोलेगा
जग तुझे छोड़ेगा
कहीं न कहीं तोड़ेगा !!!
प्रेम बहुत कीमती है
जीवन्त उदाहरण के लिए
यदि तुम्हें कभी प्रेम नहीं हुआ
तो महसूस नहीं कर पाओगे
जीवन को
किसी की अंतरात्मा को
स्पर्श नहीं कर पाओगे
कई बार बोरियत महसूस करोगे
तुम्हारा मन कहीं ठहरा नहीं है
जहां से आंनद की प्राप्ति हो
किसी वस्तु की !!!!
मृत्यु जब मेरे करीब आई
तो लोग पहुंचने लगे
मुझे देखने
ऐसा लगा जैसे
कितने मेरे अपने हैं
मृत्यु से जीत लूंगा
ढूंढ लेना चाहिए
प्रेम
जैसे ढूंढ लेता बादल
तपती धरती को
उसकी उष्णता को
पिघल जाता है
बादल
बरबस ही
बारिश बन
ढूंढ लेना
चाहिए
प्रेम
जैसे ढूंढती है
नदी
सागर को !!!!!
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