ये नजारे ऐसे न थे

 तुम तो ऐसे न थे

दूर कभी जैसे न थे

ढूंढ़ लेता था बहारों में

ये नजारे ऐसे न थे

पहली नजर ऐसी मिली

हमारे सुध बुध जैसे न थे

हर घड़ी तू साथ था

कोई पल ऐसे न थे

जितना मांगा उतना पाया

अरमान अधूरे ऐसे न थे


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