ये रात

 ये रात फिर हमें

तन्हाई में रूलाएगी

सुनी-सुनी रातों में

जब उसकी याद आएगी

करवटें बदलते रहेंगे मगर

बैरी नींद नहीं आएगी

Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ